केंद्रीय वित्त मंत्री से लेकर बीजेपी शासित राज्यों के सीएम,मंत्री और पार्षद तक बचत उत्सव मना रहे हैं, बीजेपी के नुमाइंदे पंच से लेकर प्रधानमंत्री तक लोगों को बचत करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, दुकानों पर जाकर ग्राहकों और व्यापारियों को मिठाई खिला रहे हैं …वाह क्या सीन है, ऐसा अनोखा प्रयोग सिर्फ बीजेपी ही कर सकती है,ऐसा अद्भूत-अकल्पनीय-अनूठा राजनीतिक पैंतरा सिर्फ पीएम मोदी ही खेल सकते हैं, 8 सालों तक जिस जीएसटी बिल के गुणगान गाते रहे, उस जीएसटी बिल में सुधार कर पुराने जीएसी बिल की लाश पर अब उसका उत्सव मना रहे हैं, वाह क्या सीन है, कहने का मतलब ये है कि 8 सालों से जनता को जो लूटा-खसोटा गया, उसका हिसाब मत पूछिए, बस अब सरकार ने जो रहमो-करम किया है, उसे दीवाली का गिफ्ट मानिए, मिठाई खाइये और मोदी जी-मोदी जी कहिए, जनता को यही करना चाहिए, बीजेपी के नेता मंत्री इसी अभियान में तो जुटे हैं कि 8 सालों तक आम लोगों की जेब में हुई डकैती का हिसाब मत पूछिए, कोई सवाल मत पूछिए, बस सौगात ए मोदी यानि जीएसटी में सुधार, यानि बचत उत्सव मनाइये, ठीक वैसे ही जैसे कभी थाली बजाकर कोविड महामारी का मुकाबला किया था, वाकई आप माने या ना माने, मोदी जी में गजब की क्षमता और प्रतिभा है, ये मोदी जी ही कर सकते हैं, नोटबंदी की और देश को बरगला लिया कि ये देशहित में है, कोविड को भगाने के लिए थाली पिटवा ली, ये मोदी जी ही कर सकते हैं, बहरहाल अब एक नया सियासी शिगूफा है, इसे देखिए और मनोरंजन कीजिए, बीजेपी के नेता दुकानों के चक्कर लगा रहे हैं, बचत उत्सव मना रहे हैं, लोगों की बचत की बैंड बजाने वाले अब बचत उत्सव मना रहे हैं, उस व्यक्ति को जिसने भी बचत उत्सव मनाने का आईडिया दिया है, उसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित करना चाहिए, आखिर ऐसा अनोखा आईडिया आ कैसे सकता है, इस पर शोध होना चाहिए, दुनिया के सारे राजनीतिक पंडितो, राजनीतिक जानकारों को भारत आना चाहिए और देखना चाहिए कि बचत उत्सव जैसा भी सियासी प्रयोग हो सकता है, कुल मिलाकर अंतिम बात जब राजनीति में नौटंकी ही सत्ता में बने रहने का जरिया बन जाए, भेष बदल-बदल कर लोगों को बहकाने का हुनर कारगर हो जाए, जब सत्ता सवालों से भागने लग जाए, जब आपकी नीति और नीयत का पर्दाफाश हो जाए, तो लोगों को ऐसे ही बचत उत्सव जैसे बचकाने बहाने से इंगेज रखा जाता है, इंगेज रहिए और कहिए वाह क्या सीन है



