खजाने खोले जाएंगे…हर मुराद पूरी होगी…गरीबों की झोली भरेगी….जरुरतमंदों पर मेहरबानी होगी…झप्पर फाड़ कर मदद होगी…बस तीसरी बार सत्ता मिल जाए….बादशाह रियाया के दर पर हाजिरी लगाना शुरू कर चुके हैं…सिंहासन के लिए वादों की किश्ती पर सवारी हो रही है…कांग्रेस का घोषणा पत्र जनता के लिए हर खुशी लेकर आया है…जैसा हर पार्टियों के मैनिफैस्टो में होता है….छह महीने की मशक्कत…दस हजार लोगों की रायशुमारी….युवराज का चिंतन और विजन समेटे ये घोषणा पत्र बहुत कुछ कहता है…कांग्रेस दिल से गरीबी मिटाना चाहती है…पर गरीबी है कि मिटने का नहीं लेती है..अब की बार मिट ही जाएगी…बस तीसरी बार सत्ता मिल जाए….राहुल गांधी चिंता करते हैं..देश की…मजदूरों की..कुलियों की ..मछुआरों की….इसकी उसकी
सबकी…अब भला होगा..क्योंकि घोषणा में पत्र कुछ लाइनें छाप दी गई हैं..असहायों को पेंशन मिलेगी…मरीजों को दवाई मिलेगी…रामराज्य होगा… बस तीसरी बार सत्ता मिल जाए…वैसे तो आम जनता घोषणा पत्र पढ़ती नहीं है…अगर आपने 2009 का मैनिफेस्टो भी नहीं पढ़ा तो 2014 का पढ़ लीजिए कुछ पैराग्राफ इधर-उधर हैं, कुछ शब्दों का फर्क है…कुछ लेखन विधा और छपाई का अंतर है…बाकी सब वैसा ही है.. कुछ चीजें शाश्वत होती हैं जो बदलती नहीं है..घोषणापत्र इसी सत्य का नमूना भर है..हां खुश हो जाइगा इस बार घोषणापत्र के कवरपेज में राहुल गांधी हैं..जो आपकी आवाज उठा रहे हैं..वो सब कुछ करेंगे जो आप चाहते हैं बस तीसरी बार सत्ता मिल जाए…सबकों मकान मिलेगा बताने के लिए काफी है कि कथित तौर पर तेजी विकास के सोपान पर चढ़ते देश की बड़ी आबादी फुटपाथ पर सोती है….सबको पेंशन मिलने का वादा इस बात का सबूत है कि लाखों की बेसहारा आबादी को आज तक सरकार ने भी साथ नहीं दिया….सबको दवाई दिलाने का हक बताता है कि हर दिन सैकड़ों लोग गरीबी के चलते बिना इलाज मर जाते हैं…पर ग्रोथ रेट को देख लीजिए वो बढ़िया है…दस साल से बढ़िया चल रहा है..पर ये मत मान लीजिएगा कि इस ग्रोथ रेट के आंकड़ों में मजदूर की ना खत्म होने वाली मजबूरी..गरीब की खाली थाली…किसानों की आत्महत्या के कम ना होने वाले आंकड़े..भी शामिल हैं..ये कोई बताने की बात नहीं..बस खुश रहिए…कांग्रेस और खुश कर देगी बस तीसरी बार सत्ता मिल जाए….



